काजीरंगा नेशनल पार्क के वनरक्षकों को मिला आधुनिक हथियार, थमेगी गैंडों की अवैध शिकार
गुवाहाटी
असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में सक्रिय अवैध शिकारियों के लिए एक चेतावनी है. अब गैंडों की हत्या तो दूर यदी गैंडों के आस पास भी अगर अवैध शिकारी फटकते दिखाई दिए तो उन की खैर नहीं है. क्योंकी अब उन का मुकाबला करने के लिए वनरक्षक आधुनिक हथियारों से लेस हो गए हैं.
जी हाँ, वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए असम के वनरक्षकों को एसएलआर और नौ एमएम पिस्तौल जैसे आधुनिक हथियार दिए गए जिससे कि वे गैंडों, बाघों और अन्य वन्यजीवों के अवैध शिकार रोक सकें.
योजना के मुताबिक वनरक्षकों को 954 सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर), 272 इनसास राइफल, 0.12 बोर की 133 राइफल, 9 एमएम की 20 पिस्तौल और 91 घातक राइफल दिए गए.
इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि देश में पहली बार केवल जानवरों के शिकार एवं वन्यजीवों के खिलाफ अन्य तरह के अपराधों के लिए 10 वन्यजीव त्वरित सुनवायी अदालतें स्थापित की गई हैं.
उन्होंने बताया “ हमने वन्यजीव संरक्षण को बहुत प्राथमिकता दी है. तदनुसार हमने आज गैंडों, बाघों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण, बचाव और पुनर्वास के लिए हथियारों और उपकरणों के आधुनिकीकरण का एक नया कार्यक्रम शुरू किया.”