गुवाहाटी
गुवाहाटी हाई कोर्ट के निर्देश अनुसार पिछले सोमवार से आमचांग वन्यजीव अभ्यारण्य में चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाने का अभियान स्थगित कर दिया गया है। लेकिन व्यपारिक संस्थानों दुवारा किये गए अतिक्रमण हटाने की काम जारी रहेगा I
दरअसल मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के निर्देश के मुताबिक असम सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता देवाजीत सैकिया ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अजीत सिंह के सामने मौखिक निवेदन किया। अतिरिक्त महाधिवक्ता के मौखिक निवेदन पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने सरकार को अभियान स्थगित करने की अनुमति दे दी लेकिन उसे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को हटाने का काम जारी रखने का निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश ने असम सरकार को इस पर हाईकोर्ट में शपथपत्र दाखिल करने का भी निर्देश दिया। अपने मौखिक निवेदन में अतिरिक्त महाधिवक्ता ने बताया कि स्कूलों में परीक्षाएं चल रही है, साथ ही सर्दी भी बढ़ गई है, इस कारण सरकार को अतिक्रमण हटाने के अभियान पर सोचना पड़ा।
कामरुप(मेट्रो) के जिला प्रशासन ने वन विभाग के साथ मिलकर आमचांग वन्यजीव अभ्यारण्य में अतिक्रमण करने वालों को हटाने के लिए सोमवार को बड़ा अभियान शुरु किया था। अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रभावित लोगों की पुलिस से भिड़ंत हो गई थी। इसमें पांच लोग घायल हो गए थे। अतिक्रमण हटाओ अभियान में पुलिस,सीआरपीएफ व वन विभाग के 3 हजार जवानों व कर्मचारियों को लगाया गया। उन्होंने यहां अवैध रूप से रह रहे करीब 100 लोगों के घर बुलडोजर व हाथियों की मदद से तोड़ दिए। कार्रवाई गुवाहाटी हाईकोर्ट के अतिक्रमण हटाने और 30 नवंबर को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश के बाद की गई। इस बीच असम की वन मंत्री प्रमिला रानी ब्रह्मा ने बुधवार को चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व कांग्रेस सांसद भारत नराह की आमचांग वन्यजीव अभ्यारण्य में जमीन है।
दूसरी और असम प्रदेश कांग्रेस कमिटी द्वारा अतिक्रमण अभियान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गयाI इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व मुख्य मंत्री तरुण गोगोई भी शामिल हुए. विरोध प्रदर्शन का नेत्रित्व पार्टी के राज्य अध्यक्ष रिपुन बोरा कर रहे थेI इन प्रदर्शन में पार्टी नेताओं के अलावा बड़ी संख्या में आम जनता भी भाग लिएI गोगोई ने पत्रकारों से बात चीन करते हुए सरकार द्वारा किये जा रहे इस अतिक्रमण हटाओ अभियान को अमानवी बताया I