असम के शिक्षा खंड में व्यापक सुधार की घोषणा, जल्द ही स्थापित होगा शैक्षिक न्यायाधिकरण
![असम के शिक्षा खंड में जल्द शैक्षिक न्यायाधिकरण](/wp-content/uploads/2017/08/education.jpg)
गुवाहाटी
असम के शिक्षा खंड में व्यापक सुधार के लक्ष्य से शिक्षा मंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने असम में जल्द ही शैक्षिक न्यायाधिकरण कानून लागू करने की घोषणा की है| किसी विद्यालय या महाविद्यालय में पाठ्यक्रम असंपूर्ण होने की वजह से शैक्षिक जीवन क्षतिग्रस्त होने पर विद्यार्थी इस न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटा सकते हैं| न्यायाधिकरण में शामिल शिक्षाविद दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोई व्यवस्था लेंगे|
रविवार को गुवाहाटी विश्वविद्यालय के सभागार में हाई स्कूल के प्रधान शिक्षकों तथा सहायक प्रधान शिक्षकों तथा हाई मदरसा में अधीक्षक और सहायक अधीक्षक की नियुक्ति तथा पदोन्नति पत्र वितरण के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मन्त्री ने शैक्षिक खंड में व्यापक सुधार की घोषणा की|
शैक्षिक न्यायाधिकरण कानून के विषय में उन्होंने कहा कि इस बीच देश के विभिन्न राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के बीच विषय को लेकर कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं| आगामी छह महीने से लेकर एक साल के भीतर इस कानून को राज्य में लागू कर दिया जाएगा| इसके अलावा आगामी शैक्षिक वर्ष से पास-फेल की व्यवस्था को पुनः लागू किया जाएगा| पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को फेल कराया जा सकेगा|
शैक्षिक परिवेश को उन्नत करने के साथ ही स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति नियमित करने के लक्ष्य से विद्यालयों में एक मेंटर रखे जाने की भी घोषणा शिक्षा मंत्री ने की| उन्होंने कहा कि यह मेंटर कोई पूर्व शिक्षक, चिकित्सक, आईपीएस-आईएएस अथवा सैन्य अधिकारी भी हो सकता है|
इधर शिक्षक समाज में अराजक परिस्थिति के संदर्भ में हिमंत ने कहा कि राज्य के हजारों शिक्षक दैनिक विद्यालय में उपस्थित न रहकर गुवाहाटी के विभिन्न अदालतों में घूमते-फिरते हैं| जिस वजह से विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता है| उन्होंने कहा कि विद्यालय में अनुपस्थित रहकर शिक्षकों के विभिन्न कार्यालयों में जाने पर रोक लगाने के लिए वे रविवार के बजाए शुक्रवार को स्कूल बंद रखने पर भी विचार कर रहे हैं|