बोड़ोलैंड मुद्दा, आमरण अनशन का चौथा दिन
कोकराझाड़
By Kanak Chandra Boro
ABSU, NDFB-P और PJACBM द्वारा अलग बोड़ोलैंड राज्य की मांग में शुरू किए गए आमरण अनशन का सोमवार को चौथा दिन था| 10 मार्च की सुबह 9 बजे से अनशन पर बैठे इन बोड़ो संगठनों के कार्यकर्ताओं की हालत अब बिगड़ने लगी है| हालांकि जब तक सरकार की ओर से बोड़ोलैंड मुद्दे पर राजनीतिक वार्ता का संदेश नहीं मिलता तब तक चिकित्सा सेवा ग्रहण करने से भी अनशनकारियों ने मना कर दिया है|
आब्सू अध्यक्ष प्रमोद बोड़ो ने कहा कि वे अपना अनशन तब तक जारी रखेंगे जब तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलता| संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर 100 घंटे तक अनशनकारियों को सरकार का सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो उतने ही घंटे तक बोड़ोलैंड से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे लाइन का अवरोध किया जाएगा|
NDFB-P के अध्यक्ष धीरेन बोड़ो ने कहा कि सर्कार ने उन्हें बोड़ो मुद्दे के समाधान का आश्वासन दिया था इसलिए वे हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में लौटे थे| लेकिन कोई भी राजनीतिक पार्टी बोड़ोलैंड मुद्दे को सुलझाने की मंशा नहीं रखती| यदि सरकार ने हमारे असहयोग आंदोलन का समर्थन नहीं किया तो वे अहिंसक आंदोलन के लिए तैयार रहे|
10 मार्च की सुबह से ही ABSU, NDFB-P और PJACBM के 1111 कार्यकर्ता अनशन पर बैठे है जिनमें 17 महिलाएं भी है| राज्यभर से बड़ी संख्या में लोग अनशनस्थल पर पहुँच कर अनशनकारियों का हौसला भी बढ़ा रहे है|