भोगाली बिहू- जागी रोड में कम्यूनिटी फिशिंग
गुवाहाटी
यह नज़ारा है गुवाहाटी के पास जागिरोड का. नाचते गाते बांस की जाली नुमा टोकरी लिए मिसिंग जाती के यह लोग जा रहे हैं गाँव के एक तालाब में मछली पकड़ने. भोगाली बिहू से ठीक दो दिन पहले गाँव के तालाब में मछली पकड़ने यानी कम्यूनिटी फिशिंग का यह दिन उत्सव के रूप में मनाया जाता है. मछली पकड़ने का यह अनोखी परम्परा मिसिंग जाती में ही देखने को मिलती है. इस दिन मछली पकड़ने के लिए दूर दूर से मिसिंग जाती के लोग जागिरोड पहुंचते हैं. सब से बड़ी बात यह है की इस तालाब में साल भर मछलीयाँ नहीं पकड़ी जाती हैं. केवल भोगाली बिहू के अवसर अपर ही हजारों की संख्या में लोग तालाब के पानी में उतरते हैं और बांस की जाली नुमा टोकरी से मछली पकड़ते हैं. पकड़ी गयी मछलियों को बाजार में बेचा नहीं जाता. हर कोई अपने ज़रूरत के अनुसार मछली पकडता है और तालाब से बाहर चला आता है. यदि कोई आवश्यकता से अधिक मछली पकड़ लेता है तो वः दुसरे को दे देता है. मकसद एक ही होता है की तालाब में आने वाला हर व्यक्ति मछली ले कर ही घर वापस जाए. ताकी भोगाली बिहू के दिन हर कसी के घर में मछली के पकवान बन सके. उस के अलावः पकड़े गए मछलियों में से कुछ हिस्सा “बेला घर” में भी देना पड़ता है जहां गाँववाले मिल कर एक साथ बिहू मनाते हैं और खान पान करते हैं.
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