असम: दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते बांस के खंबे और बिजली के तार
बिजली विभाग की लापरवाही, बांस के खंबों के सहारे घर तक पंहुचा रहे हैं बिजली, किसी भी समय हो सकती है बड़ी दुर्घटना, गाँव वालों की नींद हराम.
कोकराझार
बिजली विभाग के कर्मचारी बिजले के तार आप के गाँव और आप के घर तक पंहुचाते हैं आप के घर में रोशनी लाने के लिए, लेकिन यही बिजली के तार अगर दुर्घटना के कारण बन जाए तो आप किया करेंगे.
जी हां देश के हर गाँव तक बिजली पहुंचाने के प्रधान मंत्री के मुहीम में बिजली विभाग ने बड़ी लापरवाही भी बरती है जिस का जीता जागता उदहारण है यह बिजले के खम्बे जो लोहे या कंक्रीट के नहीं बल्की बांस के हैं.
बिजली विभाग ने इन बांस को खंबों से बाँध कर बिजली के तार गाँव तक तो पहुंचा दिए लेकिन साथ ही साथ गाँव वालों की नींद हराम कर दी.
अब बच्चे सड़क पर खेलते या साइकिल भी चलाते हैं तो उन्हें डर लगता है की कहीं बांस के इस खंबे से कोई बच्चा टकरा न जाए और कोई अनहोनी न हो जाए. या फिर तेज़ आंधी या भारी बारिश में यह बांस के खंबे कहीं गिर गए तो किया होगा.
बिजली विभाग की लापरवाही का ऐसा दृश्य आप को असम के हर गाँव में देखने को मिल जाएगा. फिलहाल यह दृश्य कोकराझार शहर से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मनसर गाँव और सुतारपार गाँव का है जहां सैकड़ों घरों तक बिजिली के तार को बांस के खंबों के सहारे घर घर तक पहुंचाया गया है.
सबसे बुरा हाल तो मनसर गाँव का है जो कोकराझार से सालाकाटी को जाने वाला मुख्य सड़क के इन तारों से टकराई तो कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है.
गाँव वालों ने इस की शिकायत बिजली विभाग के अधिकारियों को किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं है. उन्हें तो बिजली के तार गाँव तक पंहुचाना था सो पंहुचा दिया, किस हाल में पहंचा है इस से उन्हें कोइ सरोकार नहीं.