तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असम में भी स्वागत
गुवाहाटी
तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असम में भी स्वागत हो रहा है| सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को सुधारवादी करार देते हुए अल्पसंख्यक विकास परिषद के अध्यक्ष सैयद मुमिनुल अवाल ने कहा कि यह महिलाओं को भारतीय संविधान प्रदत्त सम्मान के अधिकार के पूर्ण क्रियान्वयन की दिशा में एक बड़ा कदम सिद्ध होगा|
मुमिनुल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करने का निर्णय सुधारवादी, प्रगतिशील व समतामूलक कदम है| परिषद इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करती है| हमें विश्वास हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को इससे आगे की लड़ाई कुछ आसान हो जाएगी|
भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष मुक्तार हुसैन खान ने तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इस फैसले से किसी को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होनी चाहिए| भाजपा सरकार भी इस समाज में कुप्रथा से प्रभावित मुस्लिम महिलाओं और उनके बच्चों के लिए विशेष कदम उठा सकती है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लाल किले से अपनी मंशा जता दी थी|
प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष वाजेद अली चौधरी ने तीन तलाक पर न्यायालय के फैसले का समर्थन किया और कहा कि न्यायालय ने किसी धार्मिक मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है और यह फैसला देश के लोकतांत्रिक चरित्र को ध्यान में रखते हुए लिया गया है|
न्यायालय ने एक साथ तीन तलाक की प्रथा को असंवैधानिक बताया है और सरकार से इस संबंध में कानून बनाने को कहा है|