कृत्रिम बाढ़ की समस्या का समाधान आसान नहीं – हिमंत
गुवाहाटी
महानगर की कृत्रिम बाढ़ समस्या का समाधान करना आसान नहीं क्योंकि यह समस्या उल्फा समस्या से भी अधिक गंभीर है| गुवाहाटी विकास विभाग के मंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को यह बात कही| डॉ. शर्मा ने असम प्रशासनिक अधिकारी महाविद्यालय में जीएमडीए के तत्वावधान में वर्षाजल संग्रहण को लेकर आयोजित एक कार्यशाला का उद्घाटन करने के पश्चात संवाददाताओं से यह बात कही|
डॉ.शर्मा ने कहा कि कृत्रिम बाढ़ समस्या को काफी हद तक कम तो किया जा सकता है लेकिन इसे पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता| उन्होंने कहा कि वर्षाजल संग्रहण इस दिशा में एक कारगर कदम हो सकता है| महानगर में यदि 2 लाख स्थानों पर वर्षाजल का संग्रह किया जाए तो कृत्रिम बाढ़ की समस्या को 20 फीसदी कम किया जा सकता है|
उन्होंने बताया कि कृत्रिम बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए आईआईटी, मुंबई और आईआईटी, गुवाहाटी के विशेषज्ञों से सलाह मांगी गई थी| विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर अब से मकानों में वर्षाजल संग्रहण को अनिवार्य कर दिया गया है| इसके लिए जीएमडीए ने ‘वरुण अभियान’ शुरू किया है| इस अभियान के तहत अब से बनाए जाने वाले सभी मकानों की छत पर वर्षाजल संग्रहण को अनिवार्य किया गया है| यह नियम सरकारी भवनों पर भी लागू होगा| हालांकि जन सहयोग और भागीदारी पर कृत्रिम बाढ़ की समस्या से निजात पाने के लिए मंत्री ने बल दिया|