कोकराझाड़
असम से राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाज गोहेला बोड़ो का इलाज नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में चल रहा है, लेकिन उसकी दवाई का खर्च उसके अभिभावकों के लिए चिंता का विषय है| हालांकि खेल मंत्रालय ने गोहेला के इलाज की व्यवस्था की है उसके बावजूद रोजाना उसकी दवाई का खर्च उसके परिवार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है|
खेल मंत्रालय गोहेला के इलाज के संबंध में एम्स प्रबंधन से लगातार संपर्क में है, लेकिन उसके परिवार को रोजाना अपनी जेब से 5000 से लेकर 10000 रुपए तक दवाई के नाम पर खर्च करना पड़ रहा है| ऐसा इसलिए क्योंकि गोहेला बोड़ो को अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में रखा गया है| खेल मंत्रालय ने गोहेला के परिवार को आश्वासन दिया है कि उसके इलाज का खर्च बाद में मंत्रालय भरेगा, लेकिन परेशानी की बात यह है कि मौजूदा परिवार के पास पैसों का अभाव है|
सोशल मीडिया में गोहेला के लिए कैंपेन करने वाली डिस्कवरी क्लब नामक एक एनजीओ के संयुक्त सचिव विधान सरकार के मुताबिक गोहेला को करीब 2-3 महीने अस्पताल में भर्ती रखा जा सकता है और इस दौरान 5 लाख से अधिक रकम उसकी दवाई में खर्च होंगे| सरकार ने कहा कि हालाँकि खेल मंत्रालय ने अस्पताल का खर्च उठाने का आश्वासन दिया है, लेकिन अगर उसके रोजाना की दवाई के लिए कुछ वित्तीय मदद हो जाती तो अच्छा रहता|
उन्होंने कहा, “हम गोहेला की बहन और असम से उसके साथ गए लोगों के आने-जाने और रहने का खर्च उठा रहे है|”
इस बीच भारतीय तीरंदाज संघ के महा सचिव अनिल कमिनेनी और कोषाध्यक्ष वरिंदर सचदेवा ने एम्स जाकर गोहेला के स्वास्थ्य की सुध ली है| सचदेवा ने कहा, “गोहेला की हालत पहेले से अच्छी है पर वह अभी भी गंभीर है और उसके इलाज में कुछ महीने लग सकते है| पहले गोहला कुछ भी नहीं कहा सकती थी लेकिन अब हल्का भोजन कर रही है| डॉक्टरों ने हमें आश्वासन दिया है कि वह पहले से बेहतर है पर उसे ठीक होने में वक्त लगेगा| इसलिए हम उसकी ज्यादा से ज्यादा मदद करने की कोशिश करेंगे|”
गोहेला की मदद करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से तीरंदाज और कोच उसके एकाउंट में पैसे जमा करवा रहे हैं| साथ ही गोहेला की मदद के लिए एक सोशल मीडिया कैंपेन भी चलाया जा रहा है|