त्रिपुरा में हुई पत्रकारों की हत्या की जांच सीबीआई के हवाले
अगरतला
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब ने कहा है कि राज्य में पिछले वर्ष हुए दो पत्रकारों की हत्या के मामले की जांच सीबीआई करेगी.
राज्य के गृह विभाग का भी जिम्मा संभाल रहे मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी के चुनाव-पूर्व वादे के अनुसार, राज्य सरकार ने मार्च में कैबिनेट के निर्णय के बाद डीओपीटी को सीबीआई से राज्य में दो पत्रकारों की जघन्य हत्या की जांच कराने के लिए आदेश देने का आग्रह किया था. ’
देब ने कहा, ‘राज्य सरकार के आग्रह को मानते हुए, पिछले सप्ताह जरूरी अधिसूचना जारी की गई थी, जिसके अंतर्गत सीबीआई त्रिपुरा के दो पत्रकारों की हत्या की जांच करेगी।’
कार्मिक, लोक शिकायत एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने पिछले सप्ताह दो अलग-अलग अधिसूचना जारी कर कहा था कि पिछले वर्ष पत्रकार शांतनु भौमिक(28) और सुदीप दत्ता भौमिक(50) के हत्या की जांच की जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘वाम मोर्चा की सरकार ने बीजेपी और पत्रकार संगठनों की सीबीआई जांच की मांग को ठुकरा दिया था. राज्य सरकार सीबीआई को जांच में सभी प्रकार का सहयोग देगी. हमें विश्वास है कि दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को इंसाफ मिलेगा.
बता दें कि एक स्थानीय अखबार के पत्रकार सुदीप दत्ता भौमिक की पिछले वर्ष 21 नवंबर को पश्चिम त्रिपुरा के रामचंद्र नगर के त्रिपुरा राज्य राइफल्स (टीएसआर) की दूसरी बटैलियन के मुख्यालय में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.
टेलीविजन पत्रकार शांतनु भौमिक (28) की 20 सितंबर, 2017 को मंडाई में जनजातीय आधारित राजनीतिक पार्टी के प्रदर्शन को कवर करने जाते वक्त हत्या कर दी गई थी.
वाम मोर्चा की सरकार ने दोनों हत्याओं की जांच के लिए क्रमश: पुलिस उपमहानिरीक्षक अरिंदम नाथ और पुलिस महानिरीक्षक जीएस राव की अगुवाई में एसआईटी जांच बिठाई थी.
नाथ की अगुवाई में एसआईटी ने टीएसआर की दूसरी बटैलियन के कमांडेंट तपन देबबर्मा समेत टीएसआर के चार कर्मियों को गिरफ्तार किया था.
पत्रकारों के संगठन एफपीजे के संयोजक प्रणब सरकार ने मीडिया से कहा, ‘हमने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, पीएमओ के मंत्री जितेन्द्र सिंह, भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सीके प्रसाद से मुलाकात की. संपादक सुबल कुमार डे ने कहा, ‘हम हत्यारों को सजा और पीड़ितों के परिजनों को न्याय दिलवाने के लिए सीबीआई जांच तेजी से करने की मांग करते हैं.’