गुवाहाटी
By Sanjay Kumar
असम में किसान नेता के नाम से प्रसिद्ध हो चुके आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई ने जेल से बाहर आते केंद्र सरकार के हिंदू बांग्लादेशी लोगों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को पारित करने के खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन करने की धमकी दी है।
नागरिकता विधेयक को ले कर BJP और अगप AGP के बीच भी दूरियां बढ़ रही हैंI खबर यह भी है कि नागरिकता कानून में संशोधन विधेयक के विरोध में एनडीए घटक दल अगप AGP समेत कम से कम 9 राजनैतिक दल एक जुट हो गए हैं और इन दलों ने हाल ही में दिल्ली में इसी मुद्दे को ले कर एक महत्वपूर्ण बैठक भी की थी जिस में नागरिकता कानून में संशोधन को असम की अस्मिता के लिए चुनौती बताया गया था I
ऐसे में अगर अखिल नागरिकता विधेयक के खिलाफ आन्दोलन छेड़ते हैं तो राज्य और केंद्र दोनों ही सरकारों के लिए मुश्किल खादी हो सकती है I
बहार हाल अखिल गोगोई ने जेल से बाहर आते ही राज्य सरकार के खिलाफ दहाड़ लगाई और कहा की राज्य सरकार ने उसे झूठे आरोप लगा कर गिरफ्तार किया लेकिन सरकार आरोप सिद्ध नहीं कर सकी और मुझे अदालत ने बरी कर दिया I
बता दें कि अखिल गोगोई को गोलपाड़ा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने जमानत पर रिहा कर दिया है। अखिल को मोरान में एक सभा के दौरान राजद्रोह के आरोप में 23 सितंबर को गिरफ्तार किया था।
अखिल गोगोई को गोलपाड़ा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने जमानत पर रिहा कर दिया है। रिहा होने के बाद गोगोई ने कहा, “असम सरकार ने मुझ पर उल्फा और माओवादियों से संबंध होने का आरोप लगाया। मुझे रासुका के तहत फंसाया गया। हालांकि, वे यह अदालत में साबित करने में नाकाम रहे और इसलिए अदालत ने मुझे बरी कर दिया।”
मोरान में एक सभा को संबोधित करने के बाद असम पुलिस ने अखिल को राजद्रोह के आरोप में 23 सितंबर को गिरफ्तार किया था। गोगोई पर 24 सितंबर को रासुका के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अखिल किसानों की संस्था कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के प्रमुख हैं। केएमएसएस ने रासुका के तहत हिरासत के आदेश को चुनौती दी थी और गुवाहाटी हाईकोर्ट ने गोगोई के वकील द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद हिरासत के आदेश को खारिज कर दिया। हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश के तुरंत बाद गोलपाड़ा पुलिस ने गोगोई को गिरफ्तार कर लिया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।