हिमंत ने खोली सेबा की पोल, विद्यार्थियों को 40 फीसदी ग्रेस मार्क्स से पास कराया जाता है
गुवाहाटी
सेबा की पोल खोलते हुए शिक्षा मंत्री शर्मा ने कहा कि परीक्षा परिणामों को बेहतर दिखाने के लिए सरकार की ओर से विद्यार्थियों को 40 फीसदी अधिक अंक दिए जाते रहे हैं| सोमवार को असम विधानसभा के विशेष सत्र के पहले ही दिन सेबा की पोल खोलते हुए शिक्षा मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बताया कि वर्ष 2001 से सेबा के तहत मैट्रिक उत्तीर्ण विद्यार्थियों का दर 22 से 23 फीसदी ही रही है|
शिक्षा मंत्री हिमंत के इस खुलासे से सदन में उपस्थित सभी दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर हो गए| हिमंत ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया है कि पिछले दस सालों के सेबा के तहत आयोजित मैट्रिक उत्तर पुस्तिकाओं पर एक सर्वदलीय टीम गठित की जाए|
हिमंत ने सदन में तर्क देते हुए कहा कि असम के विद्यार्थियों को ऐसा कर हम पंगु बना रहे हैं| उन्होंने अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि हम बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं| लेकिन सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को किस स्तर की शिक्षा डी जा रही है, उस ओर ध्यान देना होगा|
हिमंत के इस खुलासे पर जहाँ विपक्षी विधायकों ने प्रतिक्रियाएं व्यक्त की वहीँ सदन में उपस्थित पूर्व शिक्षा मंत्री तथा वर्तमान असम गण परिषद के वरिष्ठ विधायक वृंदावन गोस्वामी ने शिक्षा मंत्री हिमंत के इस खुलासे के लिए धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सेबा की ऐसी हरकतों की जांच की मांग उठाई|