76 हजार से अधिक विदेशी नागरिकों की शिनाख्त
गुवाहाटी
राज्य में गठित सौ विदेशी न्यायाधिकरण अब तक 76 हजार से अधिक विदेशी नागरिकों की शिनाख्त कर चुके है| विदेशी नागरिकों की पहचान के संदर्भ में असम विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने कहा है कि विदेशी नागरिकों के पहचान का काम पूरी गति से चल रहा है, लेकिन मामला बेहद संवेदनशील होने की वजह से न्यायाधिकरण को बेहद सावधानी बरतनी पड़ रही है| पुलिस विभाग नियमानुसार संदिग्ध लोगों के खिलाफ जांच कर हर महीने विदेशी न्यायाधिकरण में मामले भेजता है| सिर्फ यही नहीं विदेशी न्यायाधिकरण के सदस्यों को गुवाहाटी उच्च न्यायलय द्वारा जरुरी प्रशिक्षण भी दिया जाता है|
इधर एनआरसी अद्यतन में पंचायती दस्तावेजों को प्रमाणिक नहीं मानने के हाईकोर्ट के निर्देश के बाद विभिन्न प्रतिक्रियाओं के बीच अशांति की आशंका है| इसी आशंका के मद्देनजर निचले और उपरी असम सहित बराक घाटी के कई जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है| इस बीच मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुरूप शुद्ध और दोषरहित एनआरसी तैयार करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है|
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने विदेशी मसले पर एक आवेदन की सुनवाई के बाद दो दिन पहले फैसला दिया था कि पंचायतों और ग्राम प्रमुखों आदि के माध्यम से निर्गत निवास संबंधी दस्तावेज एनआरसी में ग्राह्य नहीं होंगे| अदालत के इस फैसले के बाद राज्यभर में तकरीबन 50 लाख लोगों के ऐसे दस्तावेज एक तरह से गैर-कानूनी हो गए|
इसे लेकर दो तरह की प्रतिक्रियाएं हो रही हैं| ज्यादातर जातीय संगठन इसका स्वागत कर रहे हैं| हालांकि कांग्रेस, एआईयूडीएफ सहित कुछ अल्पसंख्यक संगठनों ने राज्य के लाखों लोगों के सामने विषम परिस्थिति पैदा होने की बात कहते हुए गहरी चिंता भी जताई है| पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने तो आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री सोनोवाल और उनकी सरकार जानबुझकर एनआरसी अद्यतन के काम में देरी कर रही है|