परेश बरुवा, डॉ. अभिजीत असम भगोड़ा घोषित, एनआईए ने दाखिल किया आरोप पत्र

गुवाहाटी
एनआईए की गुवाहाटी स्थित अदालत ने शनिवार को उल्फा के वार्ता विरोधी गुट के प्रमुख परेश बरुवा और डॉ. अभिजीत असम को भगोड़ा घोषित कर दिया| आतंकी संगठनों के खिलाफ रणनीतिक लड़ाई के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय के विशेष निर्देश के बाद परेश बरुवा, डॉ. अभिजीत असम और अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं|
एनआईए-जीयूडब्ल्यू के अधीन दाखिल आरोप पत्र में इन सब पर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध भड़काने का आरोप लगाया गया है| एनआईए के अनुसार परेश बरुवा और डॉ. अभिजीत असम इस समय यूनाइटेड किंगडम में है|
एनआईए ने यूए(पी) अधिनियम 1967 की धारा 20 के तहत गिरफ्तार गगन हजारिका उर्फ़ जयदीफ सेलेंग के खिलाफ भी इनके साथ आरोप पत्र दाखिल किया है| उल्फा (स्वाधीन) के नेता परेश बरुवा उर्फ़ परेश असम उर्फ़ कमरुज जमान खान उर्फ़ नूर-उज-जमान उर्फ़ जमान भाई उर्फ़ पबन बरुवा को फरार बताते हुए यूए(पी) अधिनियम 1967 की धाराओं 17, 18, 18 ए, 18 बी और 20 के अलावा भादवि की धारा 121 ए, 124 ए, 120 बी और 385 के तहत आरोपित किया गया है|
वहीँ डॉ. अभिजीत असम उर्फ़ अभिजीत बर्मन उर्फ़ डॉ. मुकुल हजारिका को भी फरार बताते हुए यूए(पी) अधिनियम 1967 की धारा 18, 18 ए, 18 बी और 20 तथा भादवि की धारा 121 ए, 124 ए के तहत आरोपित किया गया है|
आरोप है कि उल्फा का वार्ता विरोधी गुट परेश बरुवा की अगुवाई में और अन्य सदस्यों के सहयोग से नए कैडरों की भर्ती, भारतीय सीमा के भीतर और बाहर आतंकी शिविरों को संगठित करने के अलावा भारतीय सुरक्षा बलों, सरकारी संस्थानों व संसाधनों पर हमलों के लिए फिरौतियों और अपहरणों की आतंकी गतिविधियों में शामिल है|