बचपन में मूंगफली खाने से एलर्जी का खतरा नहीं रहता, विशेषग्य
वेब डेस्क
शाम होते ही शहरों और गांवों के बाजारों और गलियों में मूंगफली की दुकानें और ठेले सज जाते हैं और सभी लोग मूंगफली खाने का आनंद लेते हैं | दुनिया के हर देश के लोग मूंगफली खाना अलग अलग तरह से पसंद करते हैं | लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में इस बात की पुष्टि की है कि बचपन से ही मूंगफली से तैयार की गई चीज़ों के प्रयोग से एलर्जी का शिकार होने का खतरा कम हो जाती है।
इस अध्ययन से पहले पिछले साल एक सर्वेक्षण के दौरान यह बात सामने आई थी कि बच्चों को छोटी उम्र में मूंगफली खिलाने से इससे होने वाली एलर्जी से 80 प्रतिशत तक बचने की संभावना है और अब नए शोध ने इसमें और वृद्धि करते हुए कहा है कि बचपन से ही मूंगफली खाने से स्थायी रूप से एलर्जी से बचना संभव है।
ब्रिटेन के जर्नल ऑफ मेडिसिन अनुसंधान दौरान 550 ऐसे बच्चों का निरीक्षण किया गया जिनमें मूंगफली एलर्जी पैदा होने का खतरा था और इस दौरान 2015 में होने वाली शोध के दौरान सामने आने वाले परिणामों को सामने रखा जो किंग्स कॉलेज लंदन ने की थी | पहली बार वैज्ञानिकों का ध्यान इस ओर दिलाया गया था कि बच्चों को मूंगफली के स्नैक्स या मूंगफली से बनी अन्य चीज़ों को सीमित मात्रा में देने से उनमें एलर्जी पैदा होने का खतरा कम हो जाता है। नए शोध के मुताबिक अगर बच्चे जन्म से 11 माह की उम्र तक मूंगफली तयार्करदा स्नैक्स खाते हैं और 5 साल की उम्र में वह इस आहार एक साल के लिए छोड़ देता है तो इसमें एलर्जी पैदा नहीं होगी।
शोध के लेखक का कहना है कि शोध से स्पष्ट होता है कि इस तरह से अधिकांश बच्चे सुरक्षित रहते हैं और यह संरक्षण स्थायी है लेकिन एक समस्या यह है कि लोग भोजन से संबंधित अक्सर डर के माहौल में रहते हैं, उन्हें भोजन से एलर्जी का डर रहता है | चूंकि इस आहार को भोजन से निकाल दिया जाता है इसलिए परिणामस्वरूप बच्चा बर्दाश्त नहीं कर सकता और एलर्जी का शिकार हो जाता है।
शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के दौरान 2015 के अध्ययन में शामिल बच्चों को ही इस्तेमाल किया जिनमें से आधे मूंगफली के स्नैक्स दिए गए और अन्य आहार केवल मां का दूध थी। अध्ययन में यह बात सामने आई कि इन बच्चों में जो (2015) अनुभव में मूंगफली खाई थीं 6 साल की उम्र में यानी एक साल बाद भी एलर्जी में वृद्धि नहीं हुई जबकि अनुसंधान में इन बच्चों को शामिल किया गया था जिन्हें मूंग फली एलर्जी का खतरा था और उनकी त्वचा पर खुजली जैसी प्रारंभिक लक्षण दिखाई देना शुरू हो चुकी थीं।