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ट्रेन 18- भारत का पहली बिना इंजिन वाली ट्रेन , स्पीड 160 km प्रती घंटा

भारतीय रेल ने लंबी छलांग लगाते हुए ट्रेन 18 का ट्रायल रन शरू कर दिया है. यह ट्रेन बिना इंजिन के 160 किलो मीटर प्रति घंटा के रफ्तार से दौड़ेगी .


नई दिल्ली

भारतीय रेलवे आज से  ट्रेन-18 (T-18) का ट्रायल शुरू करने जा रहा है. बिना इंजन के दौड़ने वाली इस ट्रेन को चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी में तैयार किया गया है. ट्रायल पूरे होने के बाद ट्रेन को यात्रियों के लिए 15 दिसंबर से चलाया जा सकता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार ट्रेन का ट्रायल सोमवार से मुरादाबाद और बरेली के बीच शुरू होने जा रहा है. यह भी उम्मीद है कि ट्रेन 7 नवंबर तक दिल्ली पहुंच जाएगी.

ट्रेन 18 की खास बात यह है कि इसमें आपको दूसरी ट्रेनों की तरह इंजन दिखाई नहीं देगा. जिस पहले कोच में ड्राइविंग सिस्टम लगया गया है, उसमें 44 सीटें दी गई हैं. वहीं ट्रेन के बीच में लगे दो एग्जीक्यूटिव कोच में 52 सीटें होंगी. इसके अलावा अन्य कोच में 78 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की गई है.

ट्रेन 18- भारत का पहली बिना इंजिन वाली ट्रेन , स्पीड 160 km प्रती घंटा

ट्रेन को तैयार करने में 100 करोड़ की लागत आई है. इसे रिकॉर्ड 18 महीने में तैयार किया गया है. अगर इस ट्रेन को विदेश से मंगाया जाता तो इसकी कीमत करीब 200 करोड़ रुपये होती. रेलगाड़ी में लगने वाले 80 फीसदी पुर्जे भी मेक इन इंडिया के तहत देश में ही बनाए गए हैं.

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ट्रेन के कुछ पार्ट्स को विदेश से भी आयात किया गया है. ट्रेन के कोच में स्पेन से मंगाई गई विशेष सीट लगाई गई हैं, इन्हें जरूरत पड़ने पर 360 डिग्री तक घुमाया जा सकता है. कोच में दिव्यांगों के लिए विशेष रूप से दो बाथरूम और बेबी केयर के लिए विशेष स्थान दिया गया है.

ट्रेन 18- भारत का पहली बिना इंजिन वाली ट्रेन , स्पीड 160 km प्रती घंटा

हर कोच में छह सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं. ड्राइवर के कोच में एक सीसीटीवी इंस्टॉल किया गया है, जहां से यात्रियों पर नजर रखी जा सकती है. ट्रेन में टॉक बैक की भी सुविधा दी गई है, यानी आपात स्थिति में यात्री ड्राइवर से बात भी कर सकते हैं. इसी तरह की सुविधा मेट्रो में भी दी जाती है.

ट्रेन-18 में दो इमरजेंसी स्विच लगाए गए हैं. आपात स्थिति में इसे दबाकर मदद ली जा सकती है. ट्रेन में यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए हर छोटी-बड़ी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है.

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ट्रेन  में कुल 16 कोच हैं. वैकल्पिक कोच में मोटराइज्ड इंजन की व्यवस्था की गई है ताकि पूरी ट्रेन एक साथ तेजी से चल सके और रुक सके. यह रेलगाड़ी एक ट्रेन सेट है. ऐसे में ये ट्रेन आगे व पीछे किसी भी दिशा में चल सकती है. सामान्य गाड़ियां एक ही दिशा में चलती हैं. इन गाड़ियों को दूसरी तरफ इंजन लगा कर मोड़ना पड़ता है जिसमें समय और पैसे दोनों खर्च होते हैं.

लंबे सफर के लिए ट्रेन में ऑनबोर्ड इंफोटेनमेंट की सुविधा दी गई है. इसके अलावा वाई-फाई, वेक्यूम टॉयलेट की भी सुविधा है. ट्रेन में 16 कोच दिए गए हैं. इसमें बैठने वाले यात्री ड्राइवर केबिन का भी नजारा देख सकते हैं.

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